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खेती की लागत घटाएगा मृदा कार्ड

खेती की लागत घटाएगा मृदा कार्ड

स्वायल हेल्थ कार्ड किसानों की आय बढ़ाने के अलावा खेती की लागत को करने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो सकता है। जरूरत इस बात की है कि यह हर किसान का बने और कमसे कम हर तीसरे साल में हर किसान के खेत के नमूने की जांंच हो जाए। भारत सरकार इस योजना को अमली जामा पहनाने के दाबे तो कर रही है लेकिन उसके लिए जरूरी संसाधनों का अभी बेहद अभाव है। 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 19 फरवरी को कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ने भारत को खाद्यान्न उत्पादन में अधिशेष क्षमता प्राप्त करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि मौसम की अनिश्चितताएं देश के सामने एक नई चुनौती पेश कर रही हैं। पिछले साल बेमौसम बरसात के कारण ही प्याज की कीमतों में उछाल आया था। कृषि वैज्ञानिक लगातार इस संबंध में समाधान खोजने में लगे हुए हैं। श्री तोमर ने कहा, “हमारी योजनाओं को केवल फाइलों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि किसानों को इसका लाभ मिलना चाहिए।

   

 पांच साल पहले इस योजना के शुरू होने के बाद से दो चरणों में 11 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) जारी किए गए हैं। सरकार आदर्श ग्राम की तर्ज पर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला (एसटीएल) स्थापित करने के प्रयास कर रही है। अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।

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श्री तोमर ने बताया कि इस योजना के तहत दो साल के अंतराल में सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किए जाते हैं। इन कार्डों में मृदा के स्वास्थ्य की स्थिति और महत्वपूर्ण फसलों के लिए मृदा परीक्षण आधारित पोषक तत्वों की सिफारिशें शामिल होती हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि उर्वरकों के कुशल उपयोग और कृषि आय में सुधार के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों को अपनाएं। 

कैसे घटेगी लागत

 

फास्फोरस ​निर्यात किया जाता है। इस पर किसानों को सरकार सब्सिडी देती है। इधर किसान जानकारी के अभाव में जमीन में पर्याप्त मौजूदगी के बाद भी इसे डालते रहते हैं और हजारों रुपए एकड़ का अतिरिक्त खर्चा कर अपनी लागत में इजाफा कर बैठते हैं। इससे उजप का मुनाफा भी कम हो जाता है। कार्ड हर पोषक तत्व की मौजूदगी के अलावा आगामी फसल के लिए उसकी मात्रा की संस्तुति करता है। 

कैसे बढ़ रही आय

जब जरूरत के अनुरूप उर्वरकों का प्रयोग होगा तो उन पर होने वाले अतिरिक्त खर्चे से किसान बच सकेंगे और इससे उनके शुद्ध मुनाफे में बढ़ोत्तरी होगी। 

सुधरेगी सेहत

मिट्टी परीक्षण की संस्तुतियों के आधार पर यदि किसान प्रबंधन करना सीख जाएंगे तो वह दिन दूर नहीं कि आम उपभोक्ता और मिट्टी दोनों की सेहर में सुधार होगा। इसका असर किसान की सेहर और आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक पड़ना तय है।

शानदार उपज पाने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के जरिए मिट्टी की जांच कराऐं

शानदार उपज पाने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के जरिए मिट्टी की जांच कराऐं

किसान भाई बेहतरीन फसल पैदावार के लिए खेत की मृदा की जांच अवश्य कराएं। मृदा की जाँच कराने हेतु सॉइल हेल्थ कार्ड बनवाना पड़ेगा। किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। 

किसान फसल की बेहतरीन उपज प्राप्त कर सकें। इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card) चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान भाई अपने खेत की मृदा की जांच कराते हैं। 

जाँच कराने के बाद रिपोर्ट के आधार पर खेती करते हैं, जिससे उनकी काफी कम लागत आती है। साथ ही, उत्पादन भी काफी अच्छा होता है। किसानों के खेत की मृदा जाँच करने के लिए प्रयोगशालाएं निर्मित की गई हैं। 

जहां वैज्ञानिक मृदा की जांच के उपरांत उसमें मौजूद गुण व दोष की सूची तैयार करते हैं। इस सूची में मिट्टी से जुड़ी जानकारी एवं सटीक सलाह होती है। 

मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अंतर्गत खेती करने पर किसानों को बेहतरीन फसल पैदावार हांसिल होती है। साथ ही, मृदा का भी संतुलन स्थिर बना रहता है।

सॉइल हेल्थ कार्ड बनवाने का तरीका

सॉइल हेल्थ कार्ड तैयार कराने के लिए कृषक भाईयों आपको सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट soilhealth.dac.gov.in पर जाना है। उसके बाद होम पेज पर मांगी गई जानकारी को भरकर लॉगिन करना है। 

अब पेज खुलने पर राज्य का चयन करें। अगर आप पहली बार आवेदन कर रहे हैं, तो आपको पंजीकृत न्यू यूजर के विकल्प का चयन करना पड़ेगा। 

किसान भाई आवेदन फॉर्म में मांगी गई समस्त डिटेल्स सही-सही भरें। इसके उपरांत सबमिट बटन पर क्लिक कर दें। किसी दिक्कत परेशानी का सामना करना पड़े तो किसान भाई हेल्‍पलाइन नंबर 011-24305591 और 011-24305948 पर भी सम्पर्क साध सकते हैं। वहीं, इसके अतिरिक्त helpdesk-soil@gov.in पर ई-मेल भी किया जा सकता है।

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सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के फायदे

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस योजना के अंतर्गत कोई भी भारतीय किसान अपने खेत की मृदा की आसानी से जांच करवा सकता है। इस कार्ड के माध्यम से किसान जानकारी ले सकते हैं, कि मृदा में किन पोषक तत्वों का अभाव है।

साथ ही, कितना जल उपयोग करना है और किस फसल की खेती करने से उन्हें अधिक फायदा मिलेगा। कार्ड बन जाने के उपरांत किसान को उत्पादक क्षमता, मिट्टी में नमी का स्तर, मृदा की सेहत, क्वालिटी के साथ-साथ मृदा की कमजोरियों को सुधारने के तरीकों की भी जानकारी प्रदान की जाती है।